Mukhyamantri Rajshree Yojana: बेटी की जन्म पर सरकार दे रही 50,00 रुपए

राजस्थान सरकार ने समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच और समानता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन्हीं प्रयासों में से एक है मुख्यमंत्री राजश्री योजना, जिसकी शुरुआत 1 जून 2016 को की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई तक उन्हें आर्थिक सहयोग देना है ताकि परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और बेटियां बिना रुकावट के अपनी शिक्षा पूरी कर सकें।

योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ

राज्य सरकार लाभार्थी बच्चियों को कुल मिलाकर ₹50,000 की राशि छह किश्तों में प्रदान करती है। यह राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है ताकि प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। योजना के तहत राशि का वितरण इस प्रकार होता है:

  • पहली किश्त – बालिका के जन्म पर ₹2,500 की राशि दी जाती है, यदि प्रसव किसी सरकारी या पंजीकृत निजी स्वास्थ्य संस्थान में हुआ हो।
  • दूसरी किश्त – बच्ची के 1 वर्ष पूरे होने और सभी जरूरी टीकाकरण पूर्ण होने पर ₹2,500 दिए जाते हैं।
  • तीसरी किश्त – पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर ₹4,000 की राशि मिलती है।
  • चौथी किश्त – छठी कक्षा में प्रवेश पर ₹5,000 का लाभ।
  • पांचवीं किश्त – दसवीं कक्षा में प्रवेश पर ₹11,000 प्रदान किए जाते हैं।
  • छठी किश्त – बारहवीं कक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने पर ₹25,000 की राशि दी जाती है।

इस प्रकार बालिका के जन्म से लेकर इंटरमीडिएट तक उसकी शिक्षा और पालन-पोषण के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता मिलती है।

पात्रता और आवश्यक दस्तावेज

योजना का लाभ केवल उन बच्चियों को मिलेगा जिनका जन्म 1 जून 2016 या उसके बाद हुआ हो और जिनके माता-पिता राजस्थान के मूल निवासी हों। आवेदन के लिए जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, माता-पिता का पहचान पत्र और बैंक खाता पासबुक जरूरी दस्तावेजों में शामिल हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया है ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें।

समाज पर योजना का प्रभाव

राजस्थान में लंबे समय से बेटियों को बोझ समझा जाता रहा है, लेकिन इस योजना ने समाज में सोच बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब परिवारों को यह भरोसा है कि बेटियों की शिक्षा और पालन-पोषण में सरकार साथ दे रही है। आर्थिक सहयोग मिलने से माता-पिता न सिर्फ अपनी बेटियों को बेहतर शिक्षा दे पा रहे हैं बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी हो रहे हैं।

यह योजना केवल आर्थिक सहयोग भर नहीं है, बल्कि यह बेटियों की सामाजिक स्थिति और सम्मान बढ़ाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इससे बेटियों को जन्म से लेकर शिक्षा तक बराबरी का अवसर मिल रहा है, जो राज्य के विकास और समाज में समानता लाने के लिए बेहद जरूरी है।

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