बिहार की महिलाओं के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। योजना के तहत महिलाओं को पहले ₹10,000 की सहायता राशि दी जाएगी और आगे चलकर ₹2 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाएगी।
योजना का लाभ किन्हें मिलेगा
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हुई हैं। केवल वही महिलाएं इस योजना का सीधा लाभ उठा सकेंगी। इसका उद्देश्य है कि महिलाएं अपने छोटे-मोटे रोजगार शुरू करें और आत्मनिर्भर बनें।
दो फॉर्म से मिलेगा लाभ
सरकार ने योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं के लिए दो फॉर्म निर्धारित किए हैं।
- पहला फॉर्म महिलाओं की बुनियादी जानकारी जैसे—नाम, आधार कार्ड, बैंक खाता, पासबुक और पहचान पत्र से जुड़ा होगा।
- दूसरा फॉर्म विशेष रूप से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से संबंधित होगा, जिसमें रोजगार की गतिविधियों और योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी।
2.70 करोड़ परिवारों तक पहुंचेगा लाभ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि इस योजना का लाभ पूरे राज्य में 2.70 करोड़ परिवारों को मिलेगा। योजना का लक्ष्य है कि हर घर से कम से कम एक महिला आत्मनिर्भर बने और रोजगार से जुड़कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाए।
महिलाओं के लिए नई उम्मीद
इस योजना की घोषणा 29 अगस्त को की गई थी और अब इसे लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि महिलाओं को समाज और परिवार में मजबूत बनाने के लिए रोजगार जरूरी है। इस योजना से महिलाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भरता का रास्ता मिलेगा बल्कि वे परिवार की जिम्मेदारियों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगी।
सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं इस योजना से जुड़कर छोटे व्यवसाय, स्वरोजगार और आय के साधन विकसित कर सकें। खासकर गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर तबके की महिलाएं इस योजना से लाभान्वित होंगी।