Mahtari Vandan Yojana: 3500 से अधिक महिलाओं के नाम सूची से बाहर, इन्हें नहीं मिलेंगे 1000 रुपए

छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना पर बस्तर जिले से बड़ा खुलासा हुआ है। महिला एवं बाल विकास विभाग की जांच में सामने आया कि बड़ी संख्या में महिलाएं फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ ले रही थीं। विभाग ने जांच के बाद 3500 से अधिक महिलाओं के नाम पात्रता सूची से हटाने का निर्णय लिया है।

योजना का उद्देश्य और शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत पिछले साल काशी से की थी। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहयोग देकर उनके जीवनस्तर में सुधार लाना था। योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। अब तक प्रदेश की लाखों महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जा चुका है और 19वीं किस्त भी जारी हो चुकी है।

बस्तर जिले में फर्जी लाभार्थी उजागर

जांच के दौरान पता चला कि कई महिलाएं पहले से ही मृत थीं, लेकिन उनके नाम पर योजना का पैसा जारी हो रहा था। महिला एवं बाल विकास अधिकारियों ने बताया कि 34 से 35 हजार महिलाओं के नाम सूची में दर्ज थे, जिनमें से 923 महिलाएं मृत पाई गईं। कई अन्य महिलाएं सरकारी सेवाओं में कार्यरत थीं, फिर भी उनके नाम सूची में शामिल कर दिए गए थे।

इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर विभाग ने 3500 महिलाओं के नाम सूची से हटाने का निर्णय लिया। अधिकारियों का कहना है कि फर्जी लाभ लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सरकार का रुख और आगे की कार्रवाई

राज्य की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने साफ किया कि भविष्य में नए पंजीयन के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाएगा। हालांकि बस्तर जिले में नए पंजीयन फिलहाल रोक दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों की परिस्थितियों को देखते हुए पुनः पात्र महिलाओं का चयन किया जाएगा, लेकिन गलत तरीके से योजना का लाभ लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग का बयान

विभाग ने स्पष्ट किया कि जिन महिलाओं ने गलत दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ लिया है, उनसे वसूली की जाएगी। वहीं, वास्तविक पात्र महिलाओं को योजना का लाभ निरंतर मिलता रहेगा। इसके लिए नए आवेदन भी जल्द खोले जाएंगे।

योजना की किस्तें और भविष्य

अब तक इस योजना की 19 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। लेकिन पात्रता से बाहर की महिलाएं आधार कार्ड निलंबित होने या पंजीयन छूटने की वजह से इसका लाभ नहीं उठा पाई हैं। विभाग का कहना है कि भविष्य में पूरी पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों का चयन किया जाएगा ताकि केवल सही हकदार ही योजना का लाभ ले सकें।

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