मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बड़ी अपडेट: 1 करोड़ महिलाओं के खाते में आएंगे 10,000 रुपए

बिहार सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि राज्य की महिलाएं स्वरोजगार की ओर बढ़ें और रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सकें। इसके तहत महिलाओं को 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि वे छोटे-छोटे व्यवसाय या काम शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकें।

अब तक 1 करोड़ से अधिक आवेदन

सरकार के अनुसार इस योजना में अब तक 1 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने आवेदन किया है। बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका समूह और स्वयं सहायता समूह से जुड़कर लाभ ले रही हैं। इस योजना ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाया है।

चाय-पकौड़े की दुकान और पशुपालन को बढ़ावा

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वरोजगार के विभिन्न विकल्प दिए गए हैं। ग्रामीण इलाकों की महिलाएं बकरी पालन, मुर्गी पालन या डेयरी से जुड़ सकती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों की महिलाएं चाय-पकौड़े की दुकान या छोटी-छोटी रिटेल शॉप खोल सकती हैं। इसके लिए महिलाओं को 10,000 रुपये तक की मदद सीधे उनके बैंक खाते में दी जा रही है।

जल्द ही खातों में पहुंचेगा पैसा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिन महिलाओं ने आवेदन प्रक्रिया पूरी कर ली है, उनके बैंक खातों का वेरिफिकेशन शुरू हो गया है। आधार कार्ड और बैंक खाते से जुड़ने के बाद योग्य महिलाओं के खातों में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। सरकार का दावा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में महिलाओं को इसका लाभ मिलने लगेगा।

किन-किन कामों के लिए कर सकती हैं आवेदन

इस योजना में महिलाओं को विभिन्न कामों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। इनमें फल-सब्जी की दुकान, डेयरी व्यवसाय, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, किराना दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग, ऑटो-रिक्शा खरीदना, छोटी ईंट-भट्ठी, सोलर पैनल या मिनी बिजली प्रोजेक्ट जैसे विकल्प शामिल हैं। इसका उद्देश्य है कि महिलाएं अपने कौशल के अनुसार किसी भी व्यवसाय को शुरू कर सकें।

महिलाओं को मिलेगी आत्मनिर्भरता

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने बिहार की महिलाओं में नई उम्मीद जगाई है। पहले जहां रोजगार के साधन सीमित थे, अब महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होकर न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारेंगी, बल्कि समाज में भी नई मिसाल कायम करेंगी।

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