PM Kisan Yojana: त्योहार के कारण 21वीं किस्त समय से पहले होगी जारी? यहां से जाने पूरी अपडेट

किसानों के लिए सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) को लेकर नई जानकारी सामने आई है। केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत देशभर के करोड़ों किसानों को हर साल आर्थिक मदद देती है। अब किसानों की नज़रें इस योजना की 21वीं किस्त पर टिकी हुई हैं, जिसका इंतजार सभी लाभार्थी बेसब्री से कर रहे हैं।

योजना का उद्देश्य और लाभ

पीएम किसान योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। इसके तहत सरकार योग्य किसानों को सालाना 6,000 रुपये की राशि देती है। यह राशि किसानों को तीन बराबर किस्तों में दी जाती है, यानी हर चार महीने में 2,000 रुपये सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से पहुंचते हैं।

इससे किसानों को खेती-बाड़ी, बीज, खाद, उर्वरक और अन्य कृषि कार्यों में आर्थिक मदद मिलती है।

अब तक मिली कितनी किस्तें?

अब तक इस योजना के अंतर्गत किसानों को 20 किस्तें दी जा चुकी हैं। पिछली यानी 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की गई थी। उस समय सरकार ने लगभग 9 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में धनराशि भेजी थी।

अब अगली यानी 21वीं किस्त को लेकर किसान लगातार अपडेट का इंतजार कर रहे हैं।

कब जारी हो सकती है 21वीं किस्त?

योजना की गाइडलाइन के मुताबिक, हर चार महीने में एक किस्त जारी की जाती है। इस आधार पर देखा जाए तो अक्टूबर 2025 से पहले 21वीं किस्त जारी हो सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस बार कोशिश कर रही है कि त्योहारों से पहले यानी सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर की शुरुआत में ही किस्त जारी कर दी जाए। इसका सीधा लाभ किसानों को दिवाली जैसे बड़े त्योहार से पहले मिल सकता है।

क्या पहले भी समय पर मिली हैं किस्तें?

यदि पिछले रिकॉर्ड पर नजर डालें तो सरकार ने ज्यादातर किस्तें निर्धारित समय सीमा में जारी की हैं। कई बार किस्तें त्योहारों के सीजन को ध्यान में रखकर भी दी गई हैं ताकि किसानों की जेब में समय पर पैसा पहुंचे और वे त्योहार की तैयारियों को आसानी से पूरा कर सकें।

किसानों को क्या करना होगा?

21वीं किस्त का लाभ पाने के लिए किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि –

  • उनका आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक हो।
  • ई-केवाईसी (e-KYC) पूरी हो चुकी हो।
  • बैंक खाता सक्रिय और डीबीटी के लिए अनुमोदित हो।
    यदि कोई किसान इन प्रक्रियाओं को पूरा नहीं करता है, तो उसकी किस्त अटक सकती है।
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