Sambal Yojana: 7,953 श्रमिक परिवारों के बैंक खातों में ₹175 करोड़ की राशि जारी

मध्य प्रदेश सरकार लगातार श्रमिक परिवारों के हित में योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है संबल योजना, जिसके अंतर्गत लाखों श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा दी जा रही है। सरकार की ओर से इस योजना के तहत हर जरूरतमंद परिवार को आपातकालीन स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

9 सितंबर को 175 करोड़ की राशि ट्रांसफर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि 9 सितंबर को राज्य के 7,953 श्रमिक परिवारों के बैंक खातों में संबल योजना के अंतर्गत ₹175 करोड़ की राशि भेजी जाएगी। यह राशि सीधे लाभार्थी के खाते में डीवीडी के माध्यम से भेजी जाएगी।

अब तक 7 हजार करोड़ से ज्यादा की मदद

संबल योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 7 लाख 60 हजार से अधिक मामलों में 7,046 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि श्रमिक परिवारों को दी जा चुकी है। यह योजना श्रमिक वर्ग के लिए एक तरह का आर्थिक संबल बन चुकी है, जो कठिन परिस्थितियों में उन्हें सहारा देती है।

दुर्घटना और मृत्यु पर आर्थिक सहायता

संबल योजना के तहत यदि किसी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता मिलती है। वहीं सामान्य मृत्यु पर ₹2 लाख दिए जाते हैं। इसके अलावा स्थायी विकलांगता की स्थिति में ₹2 लाख और आंशिक विकलांगता पर ₹1 लाख की मदद दी जाती है। अंतिम संस्कार के लिए भी सरकार ₹5,000 उपलब्ध कराती है।

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान

महिला श्रमिकों को संबल योजना के अंतर्गत प्रसूति सहायता के रूप में ₹16,000 दिए जाते हैं। इतना ही नहीं, श्रमिक परिवारों के बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च भी सरकार उठाती है। इससे श्रमिक परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी राहत मिल रही है।

गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स भी होंगे लाभान्वित

राज्य सरकार ने केंद्र की नीति आयोग की पहल पर गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी संबल योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। अब इन श्रमिकों का भी पंजीकरण शुरू हो गया है। इससे उन्हें भी बीमारियों के इलाज, दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सकेगा।

श्रमिकों के लिए सुरक्षित भविष्य की गारंटी

मध्य प्रदेश की संबल योजना के तहत अब तक 1 करोड़ 77 लाख से अधिक श्रमिक परिवार इस योजना से जुड़ चुके हैं। यह योजना केवल आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रमिकों को एक सुरक्षित और बेहतर भविष्य की गारंटी भी देती है।

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