राजस्थान सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं की आर्थिक मदद और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा संबल योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन युवाओं को सहारा देना है जो स्नातक या उससे उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद भी बेरोजगारी से जूझ रहे हैं।
इस योजना के तहत स्नातक पास बेरोजगार युवाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी। पुरुष युवाओं को 4,000 रुपये, जबकि महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर युवाओं को 4,500 रुपये तक की बेरोजगारी भत्ता राशि दी जाएगी। यह मदद उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और रोजगार तलाशने में काफी सहायक होगी।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
- योजना का लाभ केवल राजस्थान के स्थायी निवासी युवा ही ले सकते हैं।
- आयु सीमा पुरुष युवाओं के लिए 21 से 30 वर्ष, जबकि महिलाओं और दिव्यांगों के लिए 35 वर्ष तक तय की गई है।
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ढाई से तीन लाख रुपये तक होनी चाहिए।
- लाभार्थी के परिवार से केवल एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलेगा।
- इसके लिए संबंधित युवाओं को स्थानीय रोजगार कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
राज-कोशल योजना का विशेष महत्व
राजस्थान सरकार ने एक और अभिनव पहल के रूप में राज-कोशल रोजगार योजना शुरू की है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म मजदूरों और नियोक्ताओं के बीच सेतु का काम करता है। मजदूर यहां अपनी योग्यता और कौशल दर्ज कर सकते हैं और नियोक्ता अपनी आवश्यकतानुसार भर्ती कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए मजदूरों को घर के नजदीक ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोविड काल में शुरू हुई यह पहल अब पूरे प्रदेश में श्रमिकों और उद्योगों के लिए रोजगार का बड़ा जरिया बन चुकी है। इसके माध्यम से लाखों श्रमिकों को उनकी क्षमताओं के अनुरूप काम मिला है।
श्रमिक और नियोक्ताओं को लाभ
- नियोक्ता इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करके अपनी जरूरत के अनुसार योग्य श्रमिकों को खोज सकते हैं।
- मजदूर अपनी योग्यता और अनुभव दर्ज करके आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
- यह व्यवस्था न केवल रोजगार उपलब्ध कराती है बल्कि कौशल विकास और प्रशिक्षण की दिशा में भी योगदान देती है।
युवाओं को मिलेगी दोहरी ताकत
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना जहां आर्थिक सहारा देती है, वहीं राज-कोशल योजना रोजगार से जोड़ने का काम करती है। इन दोनों योजनाओं से लाखों युवा और श्रमिक लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी युवा बेरोजगारी की मार झेलने को मजबूर न हो और राज्य आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सके।